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9 Nov 2017 · 1 min read

खुद से प्यार

बात पते की मैं कहूँ, सुन लो मेरे यार।
दूजे खातिर मर लिया, खुद से कर लो प्यार।। 1

बन जाओ खुद के लिए , आप ईमानदार।
सीखो तुम अपने लिए, करना खुद से प्यार।। 2

जीवन में थोड़ा समय, खुद के लिए निकाल।
खुद पर पहले ध्यान दे, फिर रख सबका ख्याल।। 3

खुद से करना प्रेम तो, होता मनुज स्वभाव।
कभी किसी भी काम में, सहना नहीं दबाव ।। 4

खुद का तुलना और से , करना है बेकार।
जैसे हो वैसे करो, खुद को तुम स्वीकार।। 5

दोषी खुद को मान कर, बिन गलती अफसोस।
बंद करो धिक्कारना, खुद को देना दोष।। 6

खुद को लल्लू नासमझ, कभी समझना मंद।
खुद को नीचा देखना, कर दो बिलकुल बंद।। 7

खुद से खुद को तौलिए, जाने खुद का मोल।
व्यर्थ यहाँ कोई नहीं, यह गीता का बोल ।। 8

अपनी गलती को सदा, करें स्वयं स्वीकार।
गलती से लेकर सबक, उसका करो सुधार।। 9

खुद के प्रति दयालु बने, समझे खुद को खास।
हिम्मत ताकत हौसला, बढ़े आत्मविश्वास।। 10

मन में रखना चाहिए, सकारात्मक विचार।
नकारात्मक विचार का,करें बंद सब द्वार।। 11

ऐसा कुछ मन की करें , जो आपको पसंद।
जो सबको सुख से भरे, खुद पाये आनंद।। 12

हँसिये और हँसाइये, रखे अधर मुस्कान।
सारी समस्या का यहाँ ,है हास्य समाधान।। 13

प्रसन्न रहना ही सफल, इस जीवन का राज।
अतः स्वयं का कर नहीं , कभी नजरअंदाज।। 14

एक कला है मनुज का, करना खुद से प्यार।
करीब आयेगें तभी, सकल मित्र परिवार।। 15
????—लक्ष्मी सिंह ?☺

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