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12 Feb 2024 · 1 min read

मोबाइल

ऐसा ताकतवर
हो चला है
मोबाइल
इंसान की
कोमलता
मटियामेट
कर चला है
मोबाइल।
विचारों में
आ रहा
नकारात्मक
बदलाव
झुंझलाहट,
चिड़चिडेपन से
भर चला है
मोबाइल।
सुबह से
शाम
मोबाइल के
गुलाम
हमारी सरलता
को
चर चला है
मोबाइल।
रिश्तों की
मिठास का
कोई मोल नहीं रहा
आदमी को
अकेला सा
कर चला है
मोबाइल।

डा.पूनम पांडे

Language: Hindi
3 Likes · 158 Views
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