मोबाइल के बाहर
देखो तुम्हें दिखा रही हूँ
एक सुंदर संसार
मोबाइल के बाहर
जिसके डिस्प्ले को
नहीं देना पड़ता
क्रिस्टल क्लेरिटी का आधार
जिसकी ब्राइटनेस के
सुबह की ताज़गी
दिन की फुर्ती
संध्या की शिथिलता
और रात की आरामदायक
दिनचर्या से
ऑटोमेटेड हैं तार
सॉफ्टवेयर और परफॉरमेंस है
मन की उर्जा के अनुसार
बैटरी लाइफ है
कयामत तक स्वीकार
जिसमें
सूरज चाँद सितारे बादल
खुद बनते हैं
इमोटिकॉन्स का संसार
जी. आई. एफ. में
जो हवा बहती है
वो कानों में
हल्के से कुछ कहती है
जो तितली उड़ती है
उसे पकड़ने आपकी कल्पना लड़ती है
पुष्प दे देते हैं
सुगंध संग रंगो को विस्तार
पेड़ों की टहनियां, पत्तों की सरसराहट
देती है सरगम का अहसास
और जो छवि खिचती है मन में
कोई भी मेगापिक्सल
नहीं पा सकता उसका पार
जिसकी कीमत चुकाए बिना
मिल जाती है
कीमत अपार
है ऐसा संसार
मोबाइल के बाहर