Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2024 · 1 min read

सुबह आंख लग गई

न जाने क्यों ?
आज सुबह आंख लग गई
गर्व है खुद पर
अरली राइजर हूं
घर मे सबसे पहले
मै ही उठता हूं
सैर को जाता हूं
सेहत का ख्याल रखता हूं
भूलोक का अमृत
मट्ठा पीता हूं
आयुर्वेद अपनाता हूं
लेजीनेस दूर भगाता हूं
दिन भर फुर्तीला रहता हूं
आज ऐसा न हो सका
आंख तो खुली थी
उठा भी था
लेकिन फिर लेट के सो गया
ऐसा लगा पत्नी ने जगाया
ऐ जी, आठ बज गये
फिर से नौजवान हो रहे हो ?
देर तक सो रहे हो
सकपका के उठ गया
घबरा गई थी
ये क्या हो रहा है ?
जगाने वाला सो रहा है।

स्वरचित
मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर

Language: Hindi
52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बढ़ रही नारी निरंतर
बढ़ रही नारी निरंतर
surenderpal vaidya
गुज़रा हुआ वक्त
गुज़रा हुआ वक्त
Surinder blackpen
तुम मोहब्बत में
तुम मोहब्बत में
Dr fauzia Naseem shad
चरित्रार्थ होगा काल जब, निःशब्द रह तू जायेगा।
चरित्रार्थ होगा काल जब, निःशब्द रह तू जायेगा।
Manisha Manjari
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
पूर्वार्थ
"वाह नारी तेरी जात"
Dr. Kishan tandon kranti
बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ
बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ
Mahendra Narayan
कभी हैं भगवा कभी तिरंगा देश का मान बढाया हैं
कभी हैं भगवा कभी तिरंगा देश का मान बढाया हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
शेखर सिंह
#लघु_व्यंग्य
#लघु_व्यंग्य
*Author प्रणय प्रभात*
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
Shweta Soni
*जल्दी उठना सीखो (बाल कविता)*
*जल्दी उठना सीखो (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सफर पे निकल गये है उठा कर के बस्ता
सफर पे निकल गये है उठा कर के बस्ता
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
समाज या परिवार हो, मौजूदा परिवेश
समाज या परिवार हो, मौजूदा परिवेश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
खूब ठहाके लगा के बन्दे
खूब ठहाके लगा के बन्दे
Akash Yadav
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पिता का पता
पिता का पता
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
আগামীকালের স্ত্রী
আগামীকালের স্ত্রী
Otteri Selvakumar
कुंडलिया ....
कुंडलिया ....
sushil sarna
ऐसी विकट परिस्थिति,
ऐसी विकट परिस्थिति,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बदली मन की भावना, बदली है  मनुहार।
बदली मन की भावना, बदली है मनुहार।
Arvind trivedi
मैं तुम्हें यूँ ही
मैं तुम्हें यूँ ही
हिमांशु Kulshrestha
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
जय लगन कुमार हैप्पी
हरि का घर मेरा घर है
हरि का घर मेरा घर है
Vandna thakur
रूह बनकर उतरती है, रख लेता हूँ,
रूह बनकर उतरती है, रख लेता हूँ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-384💐
💐प्रेम कौतुक-384💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जागे हैं देर तक
जागे हैं देर तक
Sampada
Loading...