मै लाचार किसान
मेहनत कर मैं अन्न उगाता जाने विश्व जहान
सीधा साधा_भोला भाला मैं लाचार किसान
भूखा रहकर बहा पसीना_भरता मैं खलिहान
मुझे बतादो अब इस जगमे मेरी क्या पहचान
भेष बदल करके रावण सा बनते क्यों शैतान
दो कौड़ी के_नौकर मुझ को समझे ना इंसान
नेता दफ्तर का अधिकारी_चाहे हो भगवान
मुझ पर_रूठा है_बेरी सा सारा विश्व जहान
बात हमारी सुनलो कृष्णा करदो अब कल्याण
सीधा साधा भोला भाला मैं लाचार किसान
कृष्णकांत गुर्जर