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17 May 2024 · 1 min read

मै नर्मदा हूं

मै नर्मदा हूं

अमरकंटक नर्मदा कुंड से निकली, मैं रेवा भी कहलाती हूँ,
संगमर्मरी धरा संग बहती, जबलपुर में आ धुंआधार बन जाती हूँ,
शिव स्वेद से जन्मी, मेखल राजा की बेटी,
शिव आदेश से धरा विराजी , नर्मदा जानी जाती हूँ|दक्षिण में विस्तार है मेरा, “नर्मदा पुरम”की पहाड़ी बरखेड़ा,
घाटी में सखी नदियाँ हैं मिलती,
कन्नौज में प्रवेश जो करती,

हिरण जलप्रपात बनाती, ओमकारेश्वर द्वीप में पूजी जाती,
स्कंद पुराण में रेव खण्ड जानों,
शंकरी रूप , मुझे पहचानों,

पूरब से पश्चिम को बहती,
द्विव्य चरित्र में रेवा रहती|

सोनभद्र से जुडा़ जो नाता,
गुलबकावली पुष्प वो लाता|
जोहिला से संदेश भेजाया,
विवाह का अवसर था गवाया,
नदी कुवांरी मैं शांत बहती हूँ,
बांधों का बंधन भी सहती हूँ|

डॉ कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदिनी लखनऊ

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