मै दोषी नही जितना पायी गई हूं
मैं उलझती नही जितना उलझायी गयी हू
मैं गिरती नही जितना गिरायी गयी हूं..
मैं रोती नहीं, जितना रूलाई गयी हूं
मैं बहकती नही, जितना बहकायी गयी हूं..
मैं डरती नही जितना डरायी गयी हूं…
मैं झुकती नही जितना झुकायी गयी हूं…
मैं टूटती नही जितना तोड़ी गयी हूं
मैं दोषी नही जितना पायी गयी हूं….. $