Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

मै (अहम) का मै (परमात्मा) से साक्षात्कार

मै (अहम) का ‘मै’ (परब्राह्मक) से साक्षात्कार

मै मै’ हूँ
मै तुझ मे हूँ मै सब मे हूँ
तू बस मै है
तू गुरुर है विश्वास नहीं ।

मै ‘मै’ हूँ
मै सत्य हूँ मै ज्ञान का भंडार हूँ
तू बस मै है
अज्ञान है निरर्थ है अर्थ नहीं ।

मै ‘मै’ हूँ
समंदर सा ठहरा भी झरने सा बहता भी
तू बस मै है
अशांत है खारा नीर है मीठा जल नहीं ।

मै ‘मै’ हूँ
मै जीवन की किताब हूं
तू बस मै हैं
तू शब्द है अहसास नही ।

मै ‘मै’ हूँ
मै स्वप्न की उड़ान् हूँ
तु बस मै है।
तु अचेत है चैतन्य नहीं ।

मै ‘मै’ हूं
मै प्रेम ज्ञान हूँ
तू बस मै है
तू द्वेष है अवगुण है गुण नहीं ।

मै ‘मै’ हूँ
मै आज हूँ कल भी
तू बस मै है
तू भ्रम है परब्रह्म नहीं ।

-रुपाली भारद्वाज

Language: Hindi
47 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Roopali Sharma
View all
You may also like:
कुछ परिंदें।
कुछ परिंदें।
Taj Mohammad
4377.*पूर्णिका*
4377.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नयी उमंगें
नयी उमंगें
surenderpal vaidya
दोपहर जल रही है सड़कों पर
दोपहर जल रही है सड़कों पर
Shweta Soni
"सर्व धर्म समभाव"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हिंदी का अपमान
हिंदी का अपमान
Shriyansh Gupta
वीर-जवान
वीर-जवान
लक्ष्मी सिंह
4) “एक और मौक़ा”
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
*झंडा (बाल कविता)*
*झंडा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
राख देह की पांव पसारे
राख देह की पांव पसारे
Suryakant Dwivedi
जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
विजय कुमार अग्रवाल
हम भी बहुत अजीब हैं, अजीब थे, अजीब रहेंगे,
हम भी बहुत अजीब हैं, अजीब थे, अजीब रहेंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गज़ल
गज़ल
करन ''केसरा''
कुछ तो बाक़ी
कुछ तो बाक़ी
Dr fauzia Naseem shad
न मुझको दग़ा देना
न मुझको दग़ा देना
Monika Arora
अपनी भूल स्वीकार करें वो
अपनी भूल स्वीकार करें वो
gurudeenverma198
बदनाम ये आवारा जबीं हमसे हुई है
बदनाम ये आवारा जबीं हमसे हुई है
Sarfaraz Ahmed Aasee
इस शहर में कितने लोग मिले कुछ पता नही
इस शहर में कितने लोग मिले कुछ पता नही
पूर्वार्थ
,,,,,,,,,,?
,,,,,,,,,,?
शेखर सिंह
ध
*प्रणय*
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
कृष्ण जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी
रुपेश कुमार
"अग्निस्नान"
Dr. Kishan tandon kranti
नदी की मुस्कान
नदी की मुस्कान
Satish Srijan
वृक्षारोपण कीजिए
वृक्षारोपण कीजिए
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
बंधन
बंधन
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
Rituraj shivem verma
दोहा पंचक. . . . प्रेम
दोहा पंचक. . . . प्रेम
sushil sarna
Loading...