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10 Jan 2017 · 1 min read

मैली-सियासत ….. सुशील यादव

२१२२ २१२२ २१२

तुम नजर भर ये, अजीयत देखना
हो सके, मैली-सियासत देखना

ये भरोसे की, राजनीती ख़ाक सी
लूट शामिल की, हिमाकत देखना

दौर है कमा लो, जमाना आप का
बमुश्किल हो फिर, जहानत देखना

लोग कायर थे, डरे रहते थे खुद
जानते ना थे , अदालत देखना

तोहफे में ‘लाख’, तुमको बाँट दे
कौम की तुम ही, तबीयत देखना

अजीयत =यातना ,जहानत = समझदारी

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