मैत्री//
संवेदनाओं और भावनाओं से परिपूर्ण,
एक समर्पित अहसास
मानवीय संबंधों का उत्र्ष
न कोई शर्त न हीं
कोई गोपनीयता
कोई मनभेद नही
केवल
स्नेह और समर्पण
राग-अनुराग से सिंचित
निर्बाध शाश्वत प्रेम
और स्व भूलकर
दो व्यक्तियों का एक दूसरे में
समा जाना
शायद यही सच है,
रक्तसंबंधों से परे,
एक आत्मिक संयोजन
न कोई स्वार्थपरता,
न कोई अपेक्षा
बस, एक मधुर रिश्ता,
एक अटूट विश्वास,
इति मैत्री