मैं शराब हूं
मैं शराब हूं केवल एक नाम का
हमेशा होता हूं इंसान के काम का
चाहूं जब भी अगर किसी को
नहीं छोड़ता किसी भी काम का
मैं शराब हूं केवल एक नाम का
दुख को दो पल में मैं हरण करू
सुखों का मैं ढेरों अंदाज दिलाऊ
हर गम का मैं बस एक सहारा
मेरा यही है एक अंदाज निराला
मैं शराब हूं बस एक नाम का
न चाहूं भला बुरा किसी का
न चाहूं किसी का नुकसान
मेरा तो बस काम है इतना
हर डर में भर दू एक जान
मैं शराब हूं केवल एक नाम का
संजय कुमार✍️✍️