“मैं मजदूर हूँ”
“मैं मजदूर हूँ”
मैं मजदूर हूँ
श्रम शक्ति की इकाई
सारी धरती पर
मेरे पदचाप की गूंज है
जमाने भर में
मेरे हथौड़े की चोट है
वज्र से भी सख्त,
बहता है पसीना और रक्त।
“मैं मजदूर हूँ”
मैं मजदूर हूँ
श्रम शक्ति की इकाई
सारी धरती पर
मेरे पदचाप की गूंज है
जमाने भर में
मेरे हथौड़े की चोट है
वज्र से भी सख्त,
बहता है पसीना और रक्त।