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1 May 2024 · 1 min read

“मैं मजदूर हूँ”

“मैं मजदूर हूँ”
मैं मजदूर हूँ
अगणित बार धरा पर
मैंने स्वर्ग बनाए,
रेगिस्तानों की रेत को
धो-धो करके
सुरभित सुमन खिलाए।

3 Likes · 3 Comments · 133 Views
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