मैं बेबस टूटता सा जा रहा था।
गज़ल
मैं बेबस टूटता सा जा रहा था।
वो सबको ही रुलाता जा रहा था।
नहीं रुक पाउँगा वापस है जाना,
यही संदेश देता जा रहा था।
नहीं लाया न लेकर जा रहा हूं,
यहीं सबको बताता जा रहा था।
करो मत प्रेम दुनियाँ है ये फानी,
वो पश्चाताप करता जा रहा था।
बनो बस देश प्रेमी प्यार कर लो,
तिरंगे मे वो लिपटा जा रहा था।
…….✍️ प्रेमी