**मैं परेशानी हूँ**
आना जाना है काम मेरा
सुख दुख दिखाना है काम मेरा।
बैरी नही किसी की मैं
न ही किसी की साथी हूँ।
सौंप के स्वयं को तुम्हें
जीना सिखाना है काम मेरा।
नाम मेरा एक हैं पर
मैं कई रूप में आती हूँ
कभी गरीबी,कभी भुखमरी,
कभी अन्य चिंताएं लाती हूँ।
इतना न घबराओ मुझसे
न हो इतना भयभीत
मेरे आने का मकसद होता है
समझाने तुम्हे दुनिया के रीत।
बुरी तो हूँ बेशक मैं तुम्हारा
सुख चैन छीन लेती हूँ
पर जीवन के इस युद्ध से तुम्हे
जीत का ज्ञान देती हूँ।
न पालो नफऱत मेरे लिए ख़ुद में,
तुम्हे रुलाना है काम मेरा
परेशानी दे देकर तुम को
दृढ़ बनाना है काम मेरा।
जो आई न कभी मैं मिलने तुमसे
तुम जीवन अर्थ न समझोगे
मुझसे दो दो हाँथ किये बिन
तुम खुशियाँ न पा सकोगे।
जीवन के इस सुंदर पथ पर
ग़म बिछाना है काम मेरा
परेशानी हूँ बेशक मैं पर तुम्हे
मंज़िल तक ले जाना है काम मेरा।
कवि-वि के विराज़