मैं धूल हूँ
मैं धूल हूँ,
नही भूली हूँ,
तू फूल हैं,
पर फूला हैं,
मैं चरणों की रज,
तू शीश पर सज,
कल तू मेरे पास आएगा,
सूखकर मुझसे मिल जाएगा,
फिर क्यों इतना अभिमान,
क्यो करता इतना गुमान,
क्यों खोता अपना ईमान,
जरा जी ले अपनी शान,
मैं धूल हूँ………………
जब वीर बड़े मुझको चूम,
जोश जोश से लगे वो झूम,
हारकर दुश्मन भी लगे घूम,
विजय मिली हुई बड़ी धूम,
मैं धूल हूँ……………….
तुम कितने ही बड़े हो जाओ,
धन दौलत और ऐश्वर्य पाओ,
एक दिन आओगे मेरे ही पास,
जब टूट जाएगी सारी आस,
मैं धूल हूँ……………..
देखे मैंने बड़े बड़े सम्राट,
देखे मैंने उनके बड़े ठाट,
देखे उनके गगन चूमते महल,
जिनसे कभी न छूटा मखमल,
आखिर एक दिन सब छोड़ आया,
मुझसे आन मिली उसकी काया,
मैं धूल हूँ………………….
बहुत छोटी है मेरी हस्ति,
बड़े बड़े सवार होते मेरी ही कश्ती,
ऋषि मुनि बैठ मेरे पास करते भक्ति,
नर लगा तन दिखाता अपनी शक्ति,
मैं धूल हूँ…………….
सदियों पुरानी देखी गाथा,
मेरे हृदय में है बड़ी व्यथा,
मुझमे अनेको कथा समाई,
समय करता सबकी भरपाई,
मैं धूल हूँ……………….
।।।।जेपीएल।।।