मैं तो मजे में हूँ
बताऊँ क्या मैं भला तुझको कै़फि़यत अपनी
मैं तो मजे में हूँ तू सोच ख़ैरियत अपनी
नहीं तुझे ही महज है गुरूर अपने पर
हर एक शख्स की होती है हैसियत अपनी
बताऊँ क्या मैं भला तुझको कै़फि़यत अपनी
मैं तो मजे में हूँ तू सोच ख़ैरियत अपनी
नहीं तुझे ही महज है गुरूर अपने पर
हर एक शख्स की होती है हैसियत अपनी