Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2017 · 1 min read

(मैं क्या करूँ

बेसबब मुस्कुराए तो मैं क्या करूँ।
हुस्न मुझ पर लुटाए तो मैं क्या करूँ।

मैने रोपी तो कलियाँ वफ़ाओं की थीं,
ख़ार ही उग जो आए तो मैं क्या करूँ।

राहे उल्फ़त सितारों ने रौशन किया,
चाँद गर रूठ जाए तो मैं क्या करूँ।

ले गया जो समन्दर यहाँ से कई,
अब वो सहरा बताए तो मैं क्या करूँ।

हर खुशी मैने अपनी उसे सौंप दी,
अब सम्हाली न जाए तो मैं क्या करूँ।

गीत लिक्खा तो था मैने उसके लिए,
हर कोई गुनगुनाए तो मैं क्या करूँ।

मुन्हसिर जिसकी नज़रों पे है ज़िन्दगी,
वो ही नज़रें चुराए तो मैं क्या करूँ।

हैं बुलाती मुझे हुस्न की वादियाँ,
अब कदम डगमगाए तो मैं क्या करूँ।

की थी कोशिश बचाने की हरदम उसे,
ज़िन्दगी रूठ जाए तो मैं क्या करूँ।

कोशिशें मेरी नाकाम होती रहीं,
वो हक़ीकत छुपाए तो मैं क्या करूँ।

जिसकी खातिर ज़माने का दुश्मन बना,
वो ही आँखें दिखाए तो मैं क्या करूँ।

हो मनाने की उम्मीद जिससे ‘मिलन’,
गर वही रूठ जाए तो मैं क्या करूँ.
——-मिलन.
बेसबब-बिना कारण
ख़ार-काँटे
राहे उल्फ़त-प्रेम डगर(रास्ता)
सहरा-बियाबान,जंगल
मुन्हसिर-निर्भर
हक़ीकत-सच्चाई

311 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खोया हुआ वक़्त
खोया हुआ वक़्त
Sidhartha Mishra
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड
Sandeep Pande
🍃🌾🌾
🍃🌾🌾
Manoj Kushwaha PS
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
ज़िंदगी से शिकायत
ज़िंदगी से शिकायत
Dr fauzia Naseem shad
"आधी है चन्द्रमा रात आधी "
Pushpraj Anant
आदमी का मानसिक तनाव  इग्नोर किया जाता हैं और उसको ज्यादा तवज
आदमी का मानसिक तनाव इग्नोर किया जाता हैं और उसको ज्यादा तवज
पूर्वार्थ
■ शेर-
■ शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
एक मशाल जलाओ तो यारों,
एक मशाल जलाओ तो यारों,
नेताम आर सी
दोस्त कहता है मेरा खुद को तो
दोस्त कहता है मेरा खुद को तो
Seema gupta,Alwar
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
💐प्रेम कौतुक-352💐
💐प्रेम कौतुक-352💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी के वास्ते
जिंदगी के वास्ते
Surinder blackpen
फारवर्डेड लव मैसेज
फारवर्डेड लव मैसेज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"छछून्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
SHAMA PARVEEN
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
मूर्दों की बस्ती
मूर्दों की बस्ती
Shekhar Chandra Mitra
यदि आपका स्वास्थ्य
यदि आपका स्वास्थ्य
Paras Nath Jha
बरसें प्रभुता-मेह...
बरसें प्रभुता-मेह...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मासूम पर दया*
*मासूम पर दया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
देश अनेक
देश अनेक
Santosh Shrivastava
3378⚘ *पूर्णिका* ⚘
3378⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
संगठन
संगठन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
Ravi Prakash
Loading...