मैं एक दोस्त हूं।
तुम्हे देख कर तेरा हाल बता सकता हूं
तेरी हसीं के पीछे ,
छुपे दर्द को दिखा सकता हूं
बता सकता हुं के प्यार किस से हैं
जो खून का रिश्ता न कर सके
वो खून बहा सकता हूं ।
मेरे लिए तेरी खुशी से भड़कर कुछ नहीं
सच नहीं जो तुमने झूठ कहा है
तुमसे ज्यादा विस्वास मैंने खुद पे नहीं किया हैं
दोस्ती की मिसाल है तू
लहू तू और मास तू मेरे रूप की खाल तू
रंग रूप और बाल तू , मै जिंदा हु तब तक
जब तक मेरे नाल तू ।
एक प्रश्न मैं उसका जवाब तू
रंग मैं उसका रूप तू
अपनी दोस्ती का स्वरूप तू ।
तुमसे बोलूं सारी बाते डर नही लगता
दिल मिले या ना मिले फर्क नही पड़ता
तू जब तक साथ मेरे तेरा यार नही मरता
सब कुछ हैं मेरे पास तेरे बिन नहीं सरता
तू ना हो साथ मेरे कोई काम नहीं बनता
मेरे दोस्त तेरे बिना यह दिल भी लगता ।
मै कुछ बोलूं तुम्हे अच्छा लगता हैं
तेरे लिए तेरा दोस्त पूरी रात जगता हैं
रात कब निकल जाती है बातो में
यह बता हमें कब पता चलता हैं
सब सोने के बाद बात करते हैं
इस मतलबी दुनिया से दूर
आधी रात को मुलाकात करते है
वो मुलाकात भी क्या मुलाकात है
ना मैं तेरे साथ हु ना तू मेरे साथ है
एक दूसरे से मिलते है सपनो में
वाह क्या बात ………….।
वैसे तो हम दोस्त है पर कई मानते नही
दोस्ती प्यार से भडकर होती है जानते नही
प्यार में धोखा होता है ,और
दोस्ती में गद्दारी होती हैं,
खून के रिश्ते से बड़ी दोस्ती
प्यार पर भारी होती हैं ।
लेखक सोनित प्रजापति