मैं आक्सीजन हूं
मैं आक्सीजन हूं……
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ओ बहरूपिया सुन लो
मैं ऑक्सीजन हूं जो हिंदू मुस्लिम नहीं देखती
समझे
इंसानियत देखती हूं
और सब के काम आती है
मैं ऑक्सीजन हूं
सब के काम आती हूं
मुझे मार दिया
आप सब ने
मेरे पर काट दिए आप सब ने
मेरे जीवन भाई वृक्षों को मार दिया
आप सब ने
और अब मैं कैद हो गई एक छोटी सी बोतल में
और उस बोतल को भी आपने बाट दिया हिंदू मुस्लिम में
मैं ऑक्सीजन हूं
सबके काम आती हूं
हां मैं सब के काम आती हूं
अमीर हो या गरीब हो
मानव को या पशु हो
मैं सबको जीवन देती हूं
मैं ऑक्सीजन हूं
हां मैं ऑक्सीजन हूं सबके काम आती है……
मुझे मत मारो मैं प्राण हूं
जीवन संचार हूं मैं खुशियां देती हूं
मुझे मत बंद करो बोतलों में मैं खुलेआम विचरण करना चाहती हूं
हां मैं ऑक्सीजन हूं
सब के काम आती हूं
मुझे प्रकृति ने बनाया ही इसलिए हैं कि
मैं प्रकृति के कुछ काम आ सकूं
हां मैं ऑक्सीजन हूं
सब के काम आती हूं
मुझे जीवन देने में आनंद मिलता है सुख मिलता है
पर लोग मुझे सुखी करना नहीं चाहते
मेरे जीवन भाई वृक्षों को काट दिया
और मैं धीरे-धीरे बोतलों में पैक हो गई
फिर भी अभी समय है मुझे बोतलों में पैक मत करो
मैं विचरण करना चाहती हूं खुलेआम
हां मैं ऑक्सीजन हूं
सब के काम आती है……..
सद्कवि- प्रेमदास वसु सुरेखा