मैंने पढ़ा वर्षों तुझे।
मैंने पढ़ा वर्षों तुझे,
तू भी मुझें कुछ देर पढ़,
आ मेरे नज़दीक आ,
मेरे जज्बातों के गीत पढ़,
ताख पर रख दे सब,
सौ किताबें प्यार की,
आ मेरे गले लग जा,
मेरे सांसो को महसूस कर।
दीपक ‘पटेल’
मैंने पढ़ा वर्षों तुझे,
तू भी मुझें कुछ देर पढ़,
आ मेरे नज़दीक आ,
मेरे जज्बातों के गीत पढ़,
ताख पर रख दे सब,
सौ किताबें प्यार की,
आ मेरे गले लग जा,
मेरे सांसो को महसूस कर।
दीपक ‘पटेल’