Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2024 · 1 min read

चोट खाकर टूट जाने की फितरत नहीं मेरी

चोट खाकर टूट जाने की फितरत नहीं मेरी
निर सा हर पत्थर समा लेती हूं खुद में।

42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहे
दोहे
दुष्यन्त 'बाबा'
जब कभी उनका ध्यान, मेरी दी हुई ring पर जाता होगा
जब कभी उनका ध्यान, मेरी दी हुई ring पर जाता होगा
The_dk_poetry
3229.*पूर्णिका*
3229.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भगतसिंह की जवानी
भगतसिंह की जवानी
Shekhar Chandra Mitra
अतिथि देवोभवः
अतिथि देवोभवः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मां
मां
goutam shaw
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
_सुलेखा.
जरूरत से ज्यादा
जरूरत से ज्यादा
Ragini Kumari
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
एहसास
एहसास
Vandna thakur
"वेश्या का धर्म"
Ekta chitrangini
होली
होली
नवीन जोशी 'नवल'
हम तुम
हम तुम
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
चला गया
चला गया
Mahendra Narayan
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
कितना तन्हा
कितना तन्हा
Dr fauzia Naseem shad
"शाम-सवेरे मंदिर जाना, दीप जला शीश झुकाना।
आर.एस. 'प्रीतम'
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*हनुमान (कुंडलिया)*
*हनुमान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
👌बोगस न्यूज़👌
👌बोगस न्यूज़👌
*Author प्रणय प्रभात*
लेखनी चले कलमकार की
लेखनी चले कलमकार की
Harminder Kaur
शब्द
शब्द
Neeraj Agarwal
#DrArunKumarshastri
#DrArunKumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अच्छे दामों बिक रहे,
अच्छे दामों बिक रहे,
sushil sarna
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
दीमक जैसे खा रही,
दीमक जैसे खा रही,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या  रिश्ते को इतन
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतन
पूर्वार्थ
Loading...