मैंने उस पर ताजी गजलें लिखी है
उस पर ताजी गजलें लिखी है
कलम भी फूट फूट कर रोई है |
अपनी सूखी कलम कई बार
आंसुओं से भिगोई कोई है |
✍Kabhi Deepak Saral
उस पर ताजी गजलें लिखी है
कलम भी फूट फूट कर रोई है |
अपनी सूखी कलम कई बार
आंसुओं से भिगोई कोई है |
✍Kabhi Deepak Saral