मेहबूब की शादी”
” मेहबूब की शादी”
ख़ुश है हम !आज मेरे प्यार की शादी है l
अरे! हम से नही किसी और से है,
हाँ बेशक मोहब्बत दोनों को थी ,
सपने ,कसमे ,वादे दोनों के थे ,
पर……आज शादी सिर्फ़ उनकी है l
ख़ुश है हम! क्योकि खुश है वो भी ,
अरे! बिछड़ने का दुःख दोनों को है l
पर शादी उनकी है,
हर्ष की बात ये है ख़ुशी उन्हे भी है
वो तो ताजकुमारी है,
हमारा जीवन ही बेरोजगारी है ,
कैसे देते हम खुशियाँ तमाम
इसलिए हमारे प्यार का काम तमाम
हम तो थे अबगुणो की खान
नाकारा है ,निकम्बे है ,
पर….बो तो है गुणों की पहचान ,
शील है, धीर है ,गंभीर है,
हम तो हक दार भी नही उनके
और ना ही काबिल थे
ख़ुश है हम आज
उन्हे वो मिला जो उनके काबिल है l
ख़ुश है आज उन्हे खुश देखकर,,
शामिल होते है उनकी ख़ुशी मे,
उन्हें खुश देख कर l