मेले की धूम
मेला आता है का साल बाद ,
इसमें आने को होता है हर मन बेताब।
मेले की धूम होती है इतनी अनोखी,
तभी तो इसे दूर-दूर से देखने आते हैं परदेशी।
मेला तो सिर्फ एक बहाना होता है,
लेकिन बनाना इसमें एक अपहसना होता है।
मेले का जादू बोलता है सिर चढ़कर ,
क्योंकी लोगों का मानना होता है,
माता मुरादें पूरी करती हैं झोलिए भरकर