मेरे होने की वजह
आज इस राज से पर्दा उठा दे
मेरे होने की वजह मुझे बता दे
मेरी ज़िन्दगी की रातों की,
कब होगी सुबह बता दे,
हर तरफ अँधेरा है घना,
कैसे होगी रौशनी बता दे,
निराशाओं से मन घिर रहा है,
कोई तो आशा की किरण दिखा दे,
पत्तों की मानिंद उड़ रहा हूँ मैं,
मेरी उड़ान को कोई दिशा दिखा दे,
दूर क्षितिज में कोई बिंदु चमक रहा है,
उस बिंदु तक पहुचने की राह बता दे,
मेरा वजूद क्या है,
कौन हूँ मैं,
मेरी हकीकत क्या है,
मेरे हर सवाल का जवाब बता दे,
“संदीप कुमार”