मेरे सपने में ही मेरी मां क्यों आयी नही
मेरे सपने में ही मेरी मां क्यों आयी नहीं
जाने क्यों तस्वीर मां को मेरी भाई नहीं
बस इसी बात से है मन तड़पता मेरा
उसने ममतामई नज़र क्यों घुमाई नहीं
वो गुस्सा हुयी थी पिताजी की डाट से
इसमें मेरी क्या खता कुछ बताई नहीं
चुप्पी को मेरी मां बुजदिली ना समझ
मैने कल से अबतक ली अंगड़ाई नहीं
दोस्त मेरे ही अब मुझसे कहते सभी
माँग माफी तू इसमे हैं कोई बुराई नहीं
धीरेन्द्र वर्मा