मेरे माँ की दुआ
ज़ब-ज़ब आफत आई मेरे सर पर,
माता मेरी, उन सबको भाप जाती हैँ //
डरा हुआ सिसका था, ज़ब भी पड़ा पीर मे,
सांत्वना मेरी माँ की,उम्मीद दे जाती हैँ //
ज़ब हारने लगता हू, खुदसे कभी भी कही,
ढाल लेके मेरे वो, सम्मुख खड़ी हो जाती हैँ //
फिर चाहे कितनी भी बड़ी हो परेशानी…
हर समस्या तत्काल हल हो जाती हैँ //