मेरे प्रिय लौट आना नये साल में!
गज़ल
काफ़िया- आना
रद़ीफ- नये साल में
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212……..212………212…….212
मेरे प्रिय लौट आना नये साल में!
भूल कर फ़िर न जाना नये साल में!
आपको मुझको पाना नये साल में,
बन न जाऊं दिवाना नये साल में।
शूल सी चुभ रही है ये ठंडी पवन!
गर्म अहसास लाना नये साल में!
प्यार का दिल में बैलेंस खाली हुआ,
आके फुल कर के जाना नये साल में!
रंग फीके हैं जीवन के तेरे बिना,
जिंदगी तुम सजाना नये साल में!
गम के सागर में डूबे रहे साल भर,
तुम खुशी बन के आना नये साल में!
कोई दूरी नहीं तुमसे भाती हमें,
पास तुमको बुलाना नये साल मेंं!
प्रेम “प्रेमी” है वो, दिल से दिल जो करे,
दिल से ही दिल लगाना नये साल में!
…… ✍ ‘प्रेमी’