मेरे प्यारे भारत देश जो पूछे कोई तेरा वेश !
मेरे प्यारे भारत देश
जो पूछे कोई तेरा वेश !
कहीं विस्तृत -विस्तृत हैं खेत,
कहीं है फैली बालू रेत,
छटा नहरों की कहीं विशेष,
जो पूछे कोई तेरा वेश !
कहीं पर अनुपम बने मकान,
कहीं पर हल जोतता किसान
कहीं पर ताजमहल है भव्य,
कहीं खंडहरों के अवशेष,
मेरे प्यारे भारत देश,
जो पूछे कोई तेरा वेश !
कहीं मंदिर है कहीं मस्जिद है,
कहीं पर चर्च, कहीं ऋषिकेश,
जो देता एकता का सन्देश,
जो पूछे कोई तेरा वेश !