मेरे जीवन की राह
मेरे जीवन की राह
फूलों भरी नहीं
पथरीली है
कांटे से चुभाती है
बड़ी ही टेढ़ी और
जहरीली है
पैर जख्मी कर देती है
और जिस्म को
लहूलुहान
दिल के साये के
संग संग चलती है पर ऐसे
जैसे कोई
मेरा हाथ पकड़कर
मुझे चलाती
मेरी बरसों की बिछड़ी
सहेली है
जीवन में
दुश्वारियां बहुत हैं पर
समझदारी से जो भी राह
जीवन में मिली हो
उसपर चलते रहना
कहीं न ठहरना ही
होठों के किसी कोने पर
उम्मीद की किरण
लहराती
एक खुशियों की लड़ी है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001