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17 Jul 2018 · 1 min read

मेरे ख्यालो में आते हो तुम –आर के रस्तोगी

मेरे ख्यालो में आते हो तुम
मेरे ख्वाबो में आते हो तुम
वो कौन सी जगह है नहीं
जहा आते नहीं हो तुम

मेरे दिल में बसे हो तुम
मेरे प्राणों में बसे हो तुम
वो कौन सा अंग है नहीं
जहा बसे नहीं हो तुम

हर बात है जहन में उनकी
हर रात है नयन में उनकी
हर सांस में अब नाम उनका
हर बात में अब जिक्र उनका

न जागती हूँ मै न सोती हूँ मै
न हंसती हूँ मै न रोती हूँ मै
बौराई सी फिरती रहती हूँ मै
चारो तरफ उनकी याद में मै

रातो में उठकर रोती हूँ मै
चुप कराता है न अब कोई
किस तरह बैचेन रहती हूँ मै
यह जानता नहीं अब कोई

सीने में जज्बात है अब
आँखों में बरसात है अब
बारिश का मौसम है अब
न जाने मुलाक़ात होगी कब

न दिन कटता है न रात कटती
हर समय ये आँखे उन्हें तकती
इस जिन्दगी को काटू कैसे अब
ये काटे से अब ये नहीं कटती

पता नहीं वे कौन से राज है
जो नहीं है अब मेरे पास है
भले ही वे मुझे छोड़ गये
उनकी यादे तो मेरे पास है

आर के रस्तोगी

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