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16 Jun 2021 · 1 min read

मेरे कहने पे न जाना

मेरे कहने पे न जाना, तुम्हें पसंदीदा हो उसे चुनना,
मेरे दर्शन से गर बादल तुम्हारे छँटने लगे तो देखना,

मैं सुनाऊं लौरिया सुलाने को, तुम जागरण मनाना,
गर बिगड़ जाये सुरताल, तुम अपनी धुन बजा देना,

तुम हो फर्क पडता है गीत संगीत मेरे अंदर से झंकेगा
सुन सकोगे कलरव देख लोगे झरोखे घुलमिल जावोगे

खुद से जो चाहोगे वो हर अमावस्या पूर्णिमा होगी,
फिर कोई तूफां नहीं, दीपक से रोशनी छीन ली होगी

तुम्हारा जीवन अपना होगा गर गुफ्तगू खुद से रही होगी
देकर जीवनभर का वास्ता,कथनी करनी एक रही होगी,
Mahender Singh

2 Likes · 3 Comments · 200 Views
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