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2 Jun 2023 · 1 min read

मेरे कविता से प्रेम

मेरे कविता से प्रेम

चंदा का चकोर से प्रेम,
पुष्प का मधुमक्खी से प्रेम,
सब चाहते ऐसा आभास
वसुंधरा में जिनका निवास ।
समझ नहीं पा रहा हूं,
समझा भी ना पाऊं ,
है , मेरे कविता से प्रेम ।

रवि का प्रकाश सागर में
है जीवन का आभास ।
मां के आंचल का स्नेह,
गर्मी में शीतलता का प्रसाद
है, मेरे कविता से प्रेम ।

छू सकूं जो नीला आसमां
जिसमे विचरण करते पंछी।
रहता ,संजोय नेत्र उत्कृष्ट सपना
अपनी रचना में दे सकेंगे प्राण।

थोड़ी बहुत परेशानी में
आस – पास का माहौल
मेरी कविताएं मुझको देती
मनोहर सा प्यारा एहसास ।।

गौतम साव

Language: Hindi
1 Like · 282 Views
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