मेरी हर खुशी पिता
मेरी हर खुशी पिता
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हम सभी को बचपन से लेकर ,
आज तक हर खुशी दी है तुमने।
दिन-रात मेहनत करके ,
हम सबको पढ़ाया है तुमने।।
कभी नहीं सोचा अपने बारे मैं,
सदा सोचते बच्चों के बारे मैं।
मेरे पिता तुम कर्तव्य पथ को,
अपने खूब जानते,पहचानते!
अग्रसर रहते पथ में मेरे,
पथिक की तरह और मेरे,
सपने पूरे करते।
मेरे पिता तुम मेरी,हर खुशी को,
पूरा करते!!!!
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर