मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
मेरी नज़रों से गुज़र कर दिल-ओ-जाँ तक आओ ।
चुप रहूँ ,आह भरूँ, चीख़ उठूँ या कि मर जाऊँ,
अन-गिनत मर्तबा मरना ‘नीलम’अमर होने तक आओ।
नीलम शर्मा ✍️
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
मेरी नज़रों से गुज़र कर दिल-ओ-जाँ तक आओ ।
चुप रहूँ ,आह भरूँ, चीख़ उठूँ या कि मर जाऊँ,
अन-गिनत मर्तबा मरना ‘नीलम’अमर होने तक आओ।
नीलम शर्मा ✍️