Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2020 · 2 min read

मेरी मुक्तक माला

किताबों के सभी पन्ने में तेरा नाम लिखता हूं
मेरे महबूब तुझको अब सुबह से शाम लिखता हूं
सभी प्रश्नों के उत्तर में तेरा ही नाम आता है
मेरे जख्मों की मरहम आपको मैं बाम् लिखता हूं।

खता कुछ भी नहीं मेरी मगर वो डांट देते हैं
चढ़ाकर पेड़ पर मुझको जड़ें खुद काट देते हैं
दिखाकर प्रेम की लालच बनाए थे मुझे अपना
वो अपना प्रेम अब औरों के संग में बांट देते हैं।

मेरा ये प्रेम पावन, पारदर्शी और निर्मल है
डूब कर देख ले दृग में छलकता प्रेम का जल है
कुमुदिनी हो मेरी तुम, मैं तुम्हारा हूं भ्रमर प्रीतम
तेरे दिल में समाया हूं जहां पर प्रीति का तल है।

मिले गर साथ तेरा तो, हर-इक गम भूल जाऊंगा
लगेगा फूल सा मुझको , भले ही शूल पाऊंगा
मिली गर ना मुझे जाने तम्मन्ना , तो ये है वादा
महल के सामने तेरे , किसी दिन झूल जाऊंगा

फैसला आखिरी कर तू, मुझे पाना या खोना है
तुम्हारी याद में मुझको सनम दिन रात रोना है
थकावट बढ़ गई है और अब मैं चल नहीं सकता
मेरा चादर मंगा दे तू मुझे जी भर के सोना है।

मोहब्बत में कभी दौलत का सौदा यार मत करना;
अगर करना हो ऐसा तो कभी भी प्यार मत करना:
मुझे सीसे के जैसा तोड़कर तुमने किया है जो:
मेरी विनती है ऐसे इश्क़ का इज़हार मत करना।

तुम्हारे जन्मदिन पर दिल से शुभ आशीष देता हूं
नहीं उपहार है तो क्या, तुम्हें निज शीश देता हूं
मुझे तुम भूलकर खुश हो मगर दिल की मेरे सुन लो
नयन के नीर से मरुभूमि उर की सींच लेता हूं।

घड़ी की सूइयां भी अब तुम्हारा नाम गाती हैं
बताऊं क्या तुम्हें कि ये मुझे कितना सताती हैं
मेरे दिल पर हथौड़ा मार कर मुझको करें घायल
तुम्हारी याद देकर ये मुझे हर पल रुलाती हैं।

महज मजबूरियों ने ही मुझे कायर बनाया है
दहकता हूं नहीं फिर भी मुझे फायर बनाया है
जुदाई की अगन में जल रहा हूं देख ले आकर
तेरी नाराज़गी ने ही मुझे शायर बनाया है।

जुदा मैं हूं नहीं तुमसे, जुदा तुम सोच मत लेना;
ग़लत फहमी में आकर तुम ,छुरा ही भोंप मत देना;
अभी भी एक तरफा प्रेम तुमसे कर रहा हूं मै;
भले तुम जान ले लेना, मगर कोई दोष मत देना।
……………………………………………………….
✍️शक्ति त्रिपाठी “देव”?
बस्ती -उत्तर प्रदेश
भारत

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 440 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविताएँ
कविताएँ
Shyam Pandey
क़भी क़भी इंसान अपने अतीत से बाहर आ जाता है
क़भी क़भी इंसान अपने अतीत से बाहर आ जाता है
ruby kumari
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
Satish Srijan
"शाश्वत"
Dr. Kishan tandon kranti
यूनिवर्सल सिविल कोड
यूनिवर्सल सिविल कोड
Dr. Harvinder Singh Bakshi
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* माथा खराब है *
* माथा खराब है *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पहला श्लोक ( भगवत गीता )
पहला श्लोक ( भगवत गीता )
Bhupendra Rawat
कोरोना चालीसा
कोरोना चालीसा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
अपनी अपनी सोच
अपनी अपनी सोच
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*मेरे साथ तुम हो*
*मेरे साथ तुम हो*
Shashi kala vyas
...........,,
...........,,
शेखर सिंह
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
21-हिंदी दोहा दिवस , विषय-  उँगली   / अँगुली
21-हिंदी दोहा दिवस , विषय- उँगली / अँगुली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
3008.*पूर्णिका*
3008.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मनुष्य तुम हर बार होगे
मनुष्य तुम हर बार होगे
Harish Chandra Pande
"सत्य अमर है"
Ekta chitrangini
कविता
कविता
Vandana Namdev
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
Neelam Sharma
धूम मची चहुँ ओर है, होली का हुड़दंग ।
धूम मची चहुँ ओर है, होली का हुड़दंग ।
Arvind trivedi
मैं बनना चाहता हूँ तुम्हारा प्रेमी,
मैं बनना चाहता हूँ तुम्हारा प्रेमी,
Dr. Man Mohan Krishna
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
Kumar lalit
नहीं अब कभी ऐसा, नहीं होगा हमसे
नहीं अब कभी ऐसा, नहीं होगा हमसे
gurudeenverma198
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
Rituraj shivem verma
न जाने क्यों अक्सर चमकीले रैपर्स सी हुआ करती है ज़िन्दगी, मोइ
न जाने क्यों अक्सर चमकीले रैपर्स सी हुआ करती है ज़िन्दगी, मोइ
पूर्वार्थ
*पीला भी लो मिल गया, तरबूजों का रंग (कुंडलिया)*
*पीला भी लो मिल गया, तरबूजों का रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
The_dk_poetry
ज़मीर
ज़मीर
Shyam Sundar Subramanian
नास्तिक
नास्तिक
ओंकार मिश्र
Loading...