मेरी बेटी
मेरी बिटिया है सबसे प्यारी,
पापा की है राजकुमारी,
दिनभर चहके घर में ऐसे,
जैसे कूंकती कोयल न्यारी,
जब गुस्सा हो जाती हमसें,
हो जाती सूनी सी क्यारी,
लाड़ जताती जब मुझसे वो
दुनियां लगती मुझको प्यारी,
फूल वो सुंदर मेरे घर का,
जिससे महके मेरी फुलवारी,
‘उन्नति’ करें उन्नति हमेशा,
रहमत खुदा की रहे सारी।
By:Dr Swati Gupta