मेरी प्रीत जुड़ी है तुझ से
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हर दुआ में शामिल है तू,
तुझे शब्द कहूं या भाव ।
बिन डोर बंधी हूं तुझ से ,
तुझे प्रेम कहूं या लगाव ।
हर सुबह में खिलता है तू ,
तुझे फूल कहूं या याम (दिन)।
हर शाम संवरती है तुझसे,
तुझे चैन कहूं या आराम ।
हर हालात का किस्सा है तू ,
तुझे वक्त कहूं या नियति ।
हर फैसला जुड़ा है तुझसे,
तुझे युक्ति कहूं या शक्ति ।
हर मुस्कान में दिखता है तू ,
तुझे खुशी कहूं या प्राप्ति ।
हर एहसास बसा है तुझसे,
तुझे फिक्र कहूं या अनुभूति ।
हर जीत में शामिल है तू ,
तुझे प्रयास कहूं या सफलता ।
मेरी प्रीत जुड़ी है तुझसे ,
तुझे प्रेम कहूं या फरिश्ता।
लक्ष्मी वर्मा ‘प्रतीक्षा’
खरियार रोड ,ओड़िशा।