मेरी प्यारी बहन
फूलों सी मुस्कान है,विमल हिया है
तू श्वेत शीतल तू चंचल रिया है
परी जैसी मेरी प्यारी बहन है
ना बंदीश उसका मन खुला गगन है
फूलों की वर्षा खुशियों का मेला है
आज जन्म दिन की मधुरम बेला है
मधुकंठ, माधुर्य वाणी की हो कामना
मधुमास हो खुशियों से हो नित सामना
ईश की मेहरी रहे जीवन में सदा
रहे न रहे हम जीवन हो भुविका सदा
दिव्य अलौकिक यहाँ रिश्तों का संगम है
बहन तेरे साथ अमिट प्यारा बंधन है
पूरबी की जैसी रुत सुहानी तुम हो
चुलबुल की जैसी चपल सयानी तुम हो
तू चंद्रभा,तू चित्रा,तुम हो चारूधरा
चाँदनी की निशा जैसी तुम चारूलता
दुष्यंत की यादे ढूँढे गुलरंग सी गली
मेरी बहन बबली है थोडी मनचली
कैसी कशिश है न,ये है कल्पना मेरी
क्या लिखूं, जो लिखूं ये है चाहत मेरी
रचनाकार :- दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”