मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
कैद हैं दिल में तेरे
हर घड़ी मेरे जज़्बातों से
फ़िर, खेलने की ज़रूरत क्या है.
हिमांशु Kulshreshtha
मेरी तो धड़कनें भी
कैद हैं दिल में तेरे
हर घड़ी मेरे जज़्बातों से
फ़िर, खेलने की ज़रूरत क्या है.
हिमांशु Kulshreshtha