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3 Nov 2018 · 1 min read

मेरी क़लम से …

रहने दे …

मेरी आँखों तेरे ख्वाब रहने दे
उम्र भर को दिले बेताब रहने दे ।

कुछ पल को सही मान मेरी
मुझे अपना इन्ताखाब रहने दे ।

सारे नजराने ठुकरा दे गम नहीं
अपने हाथों में मेरा गुलाब रहने दे ।

जानता हूँ राज़ तेरी खामोशी का
सवाल तो सुनले जवाब रहने दे ।

अब तो हक़ीक़त का कर सामना
सपनों से निकल ,किताब रहने दे
-अजय प्रसाद
?9006233052
डी ए वी स्कूल पावर ग्रिड कैम्पस
बिहारशरीफ,नालंदा,बिहार 803216

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