मेरी कलम
मेरी कलम मन के भावों का इंद्रधनुष बनाती है,
दिल की आवाज़ को ये दुनिया तक पहुँचाती है।
मेरी कलम हर अहसास को स्याही में उतारती है,
इस जिंदगी की कहानी को पन्नों पर संवारती है।
मेरी कलम खुशी के रंगों से ज़िंदगी को सजाती है,
तो कभी गम के आँसुओं से भीग जाया करती है।
मेरी कलम देशभक्ति की भावना का गीत गाती है,
कभी दर्द कहती, कभी सच्चाई उजागर करती है।
मेरी कलम भावों की गहराई शब्दों में पिरोती है,
लवजों में अपने यह इश्क के फंसाने लिखती है।
मेरी कलम समाज सेवा में अपना सार लगाती है,
सत्य की मशाल बन अन्याय का विरोध करती है।
मेरी कलम ज़ुबान बनके दिल का हाल सुनाती है,
अपनी लेखनी शक्ति से कालजयी गाथा रचती है।
मेरी कलम एक साथी है जो हमेशा साथ रहती है,
मन के मेरे उतार-चढ़ाव को ये बखूबी समझती है।
– सुमन मीना (अदिति)