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18 Feb 2024 · 1 min read

मेरी उम्र का प्यार भी

मेरी उम्र का प्यार भी
बस आंखों तक रह गया ।।

था अकेला तनहा जीवन
विरह में सब शामिल था ।
मिला मुझे फिर नया यार
वो भी मुझसा बिरला था ।।1।।

उसकी पहली झलक मिली
मैं सुध–बुध सारी खो गया ।
सारी भीड़ मेरे चारों ओर
फिर भी नजरों से बोल गया।।2।।

उसको पसंद था मेरा आना
नजर आते ही मुस्कुराना ।
मेरी उम्र ही क्या थी उसे पाने की
चुपके से फिर छुपके जाना ।।3।।

प्रश्नों ने सीमाएं लाँघी
मासूमियत ही सबसे भारी ।
संभाल लिया खुद को मैंने
तेरे उन आंखों से नारी ।।4।।

Language: Hindi
1 Like · 72 Views
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