मेरी आशिकी
हम जो खुश खुश हो पहुंचे जन्नत,
लिए आशिकी की बड़ी जागीर l
मजनू, फरहाद, रांझा, महिवाल, महेंद्र, ,
दर पर थे वाह वाह करते, हाजिर ll
मुझे पढने,
मीर, बिहारी, जायसी, ग़ालिब, दाग. मोमीन,
हुए बड़े आतुर, बड़े गम्भीर,
करे करे तारीफ, वाह वाह फिर फिर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न