Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

नवगीत : मौन

नवगीत…
मौन

चुप घड़ी चुप बात हम करते रहे
साँस में हर साँस को भरते रहे ।

मुठ्ठियों में बांध करके मौन को
देर तक तकते रहे निज भौन को
हाथ में उँगली फँसा कर आपकी
हम दिवारें आस से भरती रहे ।।

चहकते कोने भवन के आज भी
पर ठिठक कर लौटती आवाज भी
एक बरसाती नदी सी आप ही
शुष्क तट को हम सजल करते रहे ।।

लपलपाती भीत मुझसे बोलती
नित नई सी गाँठ फिर से खोलती
मौन के पसरे मरुस्थल रेत में
याद के हम बीज को धरते रहे ।।

मौन की चादर लिपटी जा रही
जिंदगी उसमें सिमटती जा रही
बीहड़ों में जड़ जमाए शैल से
कतरा कतरा बस हो झरते रहे ।।

सुशीला जोशी, विद्योत्तमा
मुजफ्फरनगर उप्र

9719260777

Language: Hindi
24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सारा सिस्टम गलत है
सारा सिस्टम गलत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इंटरनेट
इंटरनेट
Vedha Singh
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
3089.*पूर्णिका*
3089.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
SURYA PRAKASH SHARMA
रूठकर के खुदसे
रूठकर के खुदसे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
जय हो माई।
जय हो माई।
Rj Anand Prajapati
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई पागल हो गया,
कोई पागल हो गया,
sushil sarna
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
नव वर्ष गीत
नव वर्ष गीत
Dr. Rajeev Jain
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
gurudeenverma198
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
Arti Bhadauria
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
Sunil Maheshwari
फलसफ़ा
फलसफ़ा
Atul "Krishn"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जीवन मर्म
जीवन मर्म
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
■ मिसाल अटारी-वाघा बॉर्डर दे ही चुका है। रोज़ की तरह आज भी।।
■ मिसाल अटारी-वाघा बॉर्डर दे ही चुका है। रोज़ की तरह आज भी।।
*प्रणय प्रभात*
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
Neelam Sharma
कानून में हाँफने की सजा( हास्य व्यंग्य)
कानून में हाँफने की सजा( हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
उसकी वो बातें बेहद याद आती है
उसकी वो बातें बेहद याद आती है
Rekha khichi
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
पूर्वार्थ
** मंजिलों की तरफ **
** मंजिलों की तरफ **
surenderpal vaidya
दूर क्षितिज के पार
दूर क्षितिज के पार
लक्ष्मी सिंह
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
जय हो कल्याणी माँ 🙏
जय हो कल्याणी माँ 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...