मेरा लक्ष्य
रुकना नहीं है मुझे, चलते मुझे जाना है
न जाने कैसी कैसी बातें
मेरे बारे में करता यह जमाना है.
टूट जाऊंगा मैं 1 दिन,
लोगों की जुबान पर यह फसाना है.
मेरा लक्ष्य है मां सरस्वती के चरणों में,
साहित्य में 1 दिन अपना नाम चमकाना है.
फिर वही लोग कहेंगे वह तो गुजरा हुआ जमाना है.,
जो आज हमारे सामने खड़ा है,
वह अपने लक्ष्य का दीवाना है
रुकना नहीं है मुझे, चलते मुझे जाना है.