Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

उलझी उलझी सी रहे , यहाँ वक़्त की डोर

उलझी उलझी सी रहे , यहाँ वक़्त की डोर
मिलता भी इसका नहीं, कहीं ओर या छोर
कहीं ओर या छोर, पकड़ इतनी है पक्की
हाथ इसी का थाम, चले साँसों की चक्की
कहे ‘अर्चना’ बात, वक़्त पर ये यदि सुलझी
तो ये भी है सत्य, वक़्त पर ही ये उलझी

डॉ अर्चना गुप्ता
22.05.2024

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
दिवाली व होली में वार्तालाप
दिवाली व होली में वार्तालाप
Ram Krishan Rastogi
भरे हृदय में पीर
भरे हृदय में पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Bodhisatva kastooriya
2733. *पूर्णिका*
2733. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आग पानी में भी लग सकती है
आग पानी में भी लग सकती है
Shweta Soni
खुली किताब सी लगती हो
खुली किताब सी लगती हो
Jitendra Chhonkar
रिहाई - ग़ज़ल
रिहाई - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*दानवीर व्यापार-शिरोमणि, भामाशाह प्रणाम है (गीत)*
*दानवीर व्यापार-शिरोमणि, भामाशाह प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
एक दिन में तो कुछ नहीं होता
एक दिन में तो कुछ नहीं होता
shabina. Naaz
"उपकार"
Dr. Kishan tandon kranti
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैथिली
मैथिली
Acharya Rama Nand Mandal
औरत तेरी गाथा
औरत तेरी गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
कालजयी जयदेव
कालजयी जयदेव
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ना धर्म पर ना जात पर,
ना धर्म पर ना जात पर,
Gouri tiwari
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
Chunnu Lal Gupta
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में  होती है पर
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में होती है पर
DrLakshman Jha Parimal
दुआ किसी को अगर देती है
दुआ किसी को अगर देती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
हम अभी
हम अभी
Dr fauzia Naseem shad
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
ruby kumari
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
Atul "Krishn"
बितियाँ मेरी सब बात सुण लेना।
बितियाँ मेरी सब बात सुण लेना।
Anil chobisa
हम तुम्हारे साथ हैं
हम तुम्हारे साथ हैं
विक्रम कुमार
*
*"आज फिर जरूरत है तेरी"*
Shashi kala vyas
भुला ना सका
भुला ना सका
Dr. Mulla Adam Ali
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
SUDESH KUMAR
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
Loading...