Everyone enjoys being acknowledged and appreciated. Sometime
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
जीवन के उलझे तार न सुलझाता कोई,
कोई यादों में रहा, कोई ख्यालों में रहा;
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली
सागर की ओर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कानून में हाँफने की सजा( हास्य व्यंग्य)
8) “चन्द्रयान भारत की शान”
खुश वही है , जो खुशियों को खुशी से देखा हो ।
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
तुमको मिले जो गम तो हमें कम नहीं मिले