मेरा देश ऐसा हो
मेरे देश में सत्य, अहिंसा का बोलबाला हो।
समरसता की सरिता प्रवाहित हो।
ना मुस्लिम हो ना हिंदू हो।
अनेकता में एकता का सिंधु हो।
सद्भाव, समभाव का सिंधु हो।
रंग बिरंगी संस्कृति का उपवन हो ।
शीतल मानवियता का हिमालय हो ।
भ्रष्टाचार की नकेल पर अंकुश हो ।
हर मानव मे खुशी का प्रवाह हो ।
स्वरोजगार की बरखा हो ।
उद्यमिता की वसुंधरा हरित हो
कुरुतियों की बौछार बंद हो ।
विद्यालय पुस्तकालय का विस्तार हो ।
पर्यावरण का रवि उदित हो ।
प्राकृतिक धरोहर का संरक्षण हो ।
प्रदूषण मुक्त मेरा देश हो ।
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नारायण अहिरवार
अंशु कवि
सेमरी हरचंद होशंगाबाद
मध्य प्रदेश